लेखनी कहानी -15-Jan-2024 कविता

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*नज़रों से दूर हो गए* उल्फ़त की तुझसे हुस्न-ए शुरुर हो गये, हम दीवाने तेरी नज़रों से दूर हो गए । तूने किये थे वादे सब चुर हो गये । दिल ...

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